चेक क्लियर होने में लगता है कितना समय, कब तक आपके खाते में आ जाएगा पैसा?
- RAJENDRA DANGWAL
- Aug 17, 2019
- 2 min read
चैक की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय इस बात से तय होता है कि चेक को क्लीयरिंग के लिए कहां जमा किया गया है.

डिजिटल पेमेंट के जमाने में भी बैंक चेक की अहमियत बनी हुई है. हमें अक्सर चेक (cheque) मिलते हैं. चेक 2 तरह के होते हैं account payee cheque और bearer cheque. बियरर चेक से भुगतान तुरंत हो जाता है, हालांकि इसे चेक जारी करने वाले व्यक्ति की ब्रांच में कैश काउंटर पर जमा करना पड़ता है. एकाउंट पेयी चेक की प्रोसेसिंग होती है और ये पैसा जिसके नाम से चेक जारी किया गया है, उसके खाते में आता है. चैक की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय इस बात से तय होता है कि चेक को क्लीयरिंग के लिए कहां जमा किया गया है-
1. सेम ब्रांच क्लीयरिंग - अगर जिस ब्रांच ने चेक जारी किया है, उसमें ही चेक डिपॉजिट के लिए लगाया जाए तो ऐसे चेक के क्लीयर होने में बहुत कम समय लगता है. आमतौर पर 1 दिन में ये चेक क्लीयर हो जाता है और पैसे आपके खाते में आ जाते हैं.
2. लोकल क्लीयरिंग - चेक जारी करने वाली ब्रांच और जिस ब्रांच में चेक जमा किया गया है, अगर दोनों एक ही शहर में हैं, तो इसे लोकल क्लीयरिंग कहते हैं. इसके लिए चेक जारी करने वाला बैंक और चेक जिस बैंक में जमा किया गया है, वो अलग अलग हो सकते हैं. लोकल क्लीयरिंग के लिए बैंक आपके चेक को आरबीआई के क्लीयरिंग हाउस में भेजा जाता है. यहां शहर के सभी बैंकों के चैक क्लीयर होते हैं. आमतौर पर लोकल क्लीयरिंग में 3 दिन का समय लगता है. यानी तीसरे दिन आपके खाते में पैसा आ जाता है.
3. आउटस्टेशन क्लीयरिंग - जब आप किसी दूसरे शहर की ब्रांच द्वारा जारी किया गया चेक जमा कराते हैं, तो उसे आउटस्टेशन क्लीयरिंग कहते हैं. इसकी क्लीयरिंग प्रक्रिया लोकल क्लीयरिंग की तरह ही होती है, बस समय थोड़ा ज्यादा लगता है क्योंकि आपका चेक दूसरे शहर की क्लीयरिंग हाउस में भेजा जाता है. आमतौर पर ये चेक एक हफ्ते में क्लीयर होता है. हालांकि इसमें थोड़ा अधिक समय भी लग सकता है.
4. हाई वैल्यू क्लीयरिंग - 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा के चैक को हाईवैल्यू कहा जाता है. हाई वैल्यू क्लीयरिंग (एचवीसी) से पहले चेक जारी करने वाले को एलर्ट भेजा जाता है. आमतौर पर ये अलर्ट एमएमएस के जरिए भेजा जाता है, लेकिन बहुत बड़ी राशि होने पर ग्राहक को फोन करके बताया जाता है. सहमति मिलने पर ही ऐसे चेक क्लियर किए जाते हैं.
Content Courtesy ZEEBIZ
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